झारखंड कैबिनेट बैठक: 31 प्रस्तावों पर लगी मुहर, मेडिकल सेवा, सिपाही बहाली और खनिज नीति में बड़े बदलाव

रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में आज कैबिनेट की अहम बैठक हुई, जिसमें राज्यहित से जुड़े 31 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सरकार ने खनिज संसाधनों पर सेस बढ़ाने, मेडिकल सेवा नियमों में बदलाव करने और सिपाही बहाली के मापदंडों में संशोधन करने का फैसला लिया है। साथ ही, राज्य में आंधी-तूफान और लू को विशिष्ट स्थानीय आपदा घोषित किया गया है, जिससे प्रभावित लोगों को सरकार से मुआवजा मिल सकेगा।
मेडिकल छात्रों के लिए नई सेवा नीति, तीन साल की सेवा अनिवार्य
झारखंड के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ने वाले छात्रों को पीजी (Medical/MDS) पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद तीन साल तक सरकारी सेवा में रहना अनिवार्य होगा। यदि कोई डॉक्टर इस अवधि से पहले नौकरी छोड़ता है, तो उसे आर्थिक क्षतिपूर्ति देनी होगी:
- पहले साल में नौकरी छोड़ने पर – 30 लाख रुपये और प्राप्त छात्रवृत्ति व अन्य भत्तों की पूरी राशि वापस करनी होगी।
- दूसरे साल में छोड़ने पर – बचे हुए प्रत्येक महीने के लिए 1.25 लाख रुपये भरने होंगे।
- सुपर स्पेशलिटी की पढ़ाई के लिए बाहर जाने वालों को – कोर्स पूरा करने के बाद बची हुई अवधि राज्य सरकार के अधीन सेवा देनी होगी।
- सुपर स्पेशलिटी कोर्स पूरा करने वालों के लिए – झारखंड में कम से कम दो साल की सेवा अनिवार्य होगी, अन्यथा हर बचे हुए महीने के लिए 1.5 लाख रुपये चुकाने होंगे।
सिपाही भर्ती नियमावली में बदलाव, शारीरिक मापदंडों में संशोधन
राज्य सरकार ने सिपाही, उत्पाद सिपाही, कक्षपाल और होमगार्ड भर्ती नियमों में बदलाव किया है। भर्ती प्रक्रिया में संशोधित शारीरिक मानदंड निम्नलिखित होंगे:
- सामान्य, आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग एवं पिछड़ा वर्ग – ऊंचाई 107 सेमी, सीने की चौड़ाई 81 सेमी।
- एसटी/एससी वर्ग – ऊंचाई 155 सेमी, सीने की चौड़ाई 79 सेमी।
- महिलाओं के लिए न्यूनतम ऊंचाई – 148 सेमी।
- शारीरिक दक्षता परीक्षण: पुरुषों को 1600 मीटर (1 मील) की दौड़ 6 मिनट में, जबकि महिलाओं को 10 मिनट में पूरी करनी होगी।
झारखंड में आंधी-तूफान और लू को आपदा घोषित किया गया
राज्य सरकार ने आंधी-तूफान और लू को विशिष्ट स्थानीय आपदा घोषित किया है। इस निर्णय के तहत:
- इन प्राकृतिक आपदाओं के कारण मृत्यु होने पर परिजनों को गृह मंत्रालय, भारत सरकार के मापदंड के अनुसार सहायता राशि मिलेगी।
- पशु हानि होने पर किसानों को मुआवजा मिलेगा।
खनिज संसाधनों पर सेस बढ़ाने का फैसला
झारखंड सरकार ने राज्य में खनिजों पर सेस बढ़ाने का फैसला लिया है। इससे राज्य सरकार को अधिक राजस्व मिलेगा, जो विकास कार्यों में उपयोग किया जाएगा।
बिरसा मुंडा की प्रतिमा स्थापित होगी
- बिरसा मुंडा जैविक उद्यान (रांची) में 9 फीट ऊंची तांबे की प्रतिमा स्थापित होगी।
- इस कार्य के लिए नोएडा स्थित मेसर्स रामसुतार को मनोनीत किया गया है।
- कुल खर्च: 25 लाख रुपये।
जन वितरण प्रणाली में सुधार
- राज्य की राशन दुकानों में 4G ई-पॉस (e-POS) मशीनें लगाई जाएंगी।
- यह सुविधा आगामी आठ महीने तक जारी रहेगी और इसे मेसर्स लिंकवेयर एवं इंट्रिग्रा कंपनियों को दिया गया है।
पीजीटी और एससी-एसटी आवासीय विद्यालयों की व्यवस्था
- राज्य के 13 आवासीय विद्यालय एनजीओ के माध्यम से संचालित होंगे।
- इनकी संचालन अवधि घटाने की स्वीकृति दी गई।
एकीकृत बिहार पंचायत निगम लिमिटेड के कर्मियों का भुगतान
- 2006 से 15 नवंबर 2011 तक के वेतन का भुगतान किया जाएगा।
- कुल खर्च 38 लाख रुपये आएगा।
कैबिनेट बैठक के अन्य महत्वपूर्ण फैसले:
- राज्य सरकार में विधि पदाधिकारियों की नियुक्ति का शुल्क निर्धारण।
- राज्य के बिजली आच्छादन योजना की अवधि मार्च 2025 तक बढ़ाई गई।
- राज्य के सेवानिवृत्त कर्मियों के बकाया वेतन का भुगतान।
- झारखंड कारा एवं सुधारात्मक सेवा विधेयक 2025 को मंजूरी।
- रांची में 5000MT क्षमता के शीतगृह का निर्माण कार्य जल्द पूरा होगा।
सरकार के इन फैसलों का प्रभाव
- मेडिकल सेवा क्षेत्र में मजबूती आएगी और सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की उपलब्धता बढ़ेगी।
- सिपाही भर्ती नियमों में बदलाव से भर्ती प्रक्रिया अधिक प्रभावी होगी और उम्मीदवारों को बेहतर अवसर मिलेंगे।
- खनिज संसाधनों पर बढ़े सेस से राज्य को अधिक राजस्व मिलेगा, जिससे इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास कार्यों को गति मिलेगी।
- आंधी-तूफान और लू को आपदा घोषित करने से प्रभावित लोगों को राहत मिलेगी और मुआवजा पाने की प्रक्रिया आसान होगी।
सरकार ने इन फैसलों को जनता के हित में बताते हुए कहा कि यह झारखंड को विकास की नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए जरूरी कदम हैं।