नक्सली मुठभेड़ में शहीद हुए जवान को दी गई भावभीनी श्रद्धांजलि, राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने जताया दुख

रांची। शनिवार को नक्सलियों के साथ मुठभेड़ और आईईडी ब्लास्ट में शहीद हुए झारखंड जगुआर के जवान सुनील धान को आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। चाईबासा जिले के टेंडर ग्राम स्थित झारखंड जगुआर मुख्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में राज्यपाल संतोष गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहुंचकर शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित किया। राज्यपाल संतोष गंगवार ने शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि यह बलिदान देश और राज्य के लिए एक अमिट उदाहरण है, जिसे कभी नहीं भुलाया जा सकता। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद के खिलाफ इस जंग में हमारे बहादुर जवानों की भूमिका गौरवशाली है और सुनील धान का यह बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। वहीं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं बेहद पीड़ादायक होती हैं। राज्य सरकार शहीद जवान के परिवार के साथ हमेशा खड़ी रहेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि शहीद के परिजनों को हर संभव सहायता दी जाएगी और उनकी जरूरतों का ध्यान रखा जाएगा। श्रद्धांजलि कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने शहीद जवान के परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। इस दौरान माहौल बेहद भावुक हो गया। शहीद के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर उन्हें अंतिम सलामी दी गई।
मुठभेड़ की पूरी घटना ने बढ़ाया आक्रोश
उल्लेखनीय है कि शनिवार, 12 अप्रैल को चाईबासा जिले के जराइकेला क्षेत्र में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी। इसी दौरान नक्सलियों द्वारा पहले से लगाए गए लैंड माइंस (आईईडी) की चपेट में आकर कोबरा बटालियन (203) के रेडियो ऑपरेटर विष्णु सैनी और झारखंड जगुआर के सिपाही सुनील धान गंभीर रूप से घायल हो गए थे। घायलों को तुरंत हेलिकॉप्टर की मदद से रांची लाया गया, जहां इलाज के दौरान जवान सुनील धान ने दम तोड़ दिया। उनके साथी विष्णु सैनी की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है और वह इलाजरत हैं।
खूंटी में पसरा मातम, गांव में शोक की लहर
शहीद सुनील धान खूंटी जिले के निवासी थे। जैसे ही उनकी शहादत की खबर उनके गांव पहुंची, पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। हर आंख नम हो गई। स्थानीय प्रशासन की ओर से खूंटी के उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक खुद शहीद के गांव पहुंचे और परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी। ग्रामीणों ने भी बड़ी संख्या में पहुंचकर अपने लाल को अंतिम विदाई दी। लोग ‘सुनील धान अमर रहें’ के नारों के साथ नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दे रहे थे।