झारखंड : पीएम किसान योजना में आधार लिंक मोबाइल अनिवार्य, 70% तक घटे आवेदन

झारखंड। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए केंद्र सरकार ने आवेदन की प्रक्रिया में बड़ा बदलाव किया है। अब योजना का लाभ उठाने के लिए स्वत: निबंधन (Self Registration) करने वाले किसानों को अपने आधार से लिंक मोबाइल नंबर देना अनिवार्य होगा। इस नंबर पर ओटीपी (OTP) भेजा जाएगा और उसी के वेरिफिकेशन के बाद रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी मानी जाएगी।यह नया नियम 1 अप्रैल 2025 से पूरे देश में लागू कर दिया गया है। झारखंड समेत सभी राज्यों को इसे सख्ती से लागू करने का निर्देश केंद्र सरकार की ओर से दिया गया है।
झारखंड में दिखा बदलाव का असर, आवेदनों में आई भारी गिरावट
नए नियम लागू होने के बाद झारखंड में स्वत: निबंधन से आने वाले आवेदनों में 70 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई है।
जहां पहले औसतन 10 दिन में करीब 20 हजार आवेदन आते थे, वहीं 31 मार्च को यह आंकड़ा 66 हजार तक पहुंच गया था। लेकिन 1 अप्रैल से लागू नियम के बाद यह आंकड़ा गिरकर 5 हजार रह गया। 20 अप्रैल को कुल आवेदन बढ़कर 71 हजार जरूर हुए, लेकिन इनमें से अधिकांश पहले से लंबित या ऑफलाइन सत्यापन वाले हैं।
पहले होता था नंबर का दुरुपयोग, अब सिर्फ आधार लिंक नंबर से ही रजिस्ट्रेशन
पुरानी व्यवस्था में कोई भी व्यक्ति किसी भी मोबाइल नंबर का उपयोग कर योजना में आवेदन कर सकता था। इसी नंबर पर ओटीपी आता और वेरिफिकेशन के बाद रजिस्ट्रेशन पूरा हो जाता था। इस वजह से एक ही नंबर से कई बार आवेदन किए जा रहे थे और बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा हो रहा था।लेकिन अब केवल वही किसान आवेदन कर पाएंगे जिनका मोबाइल नंबर आधार से लिंक होगा। इससे गड़बड़ी की संभावना बहुत हद तक खत्म हो गई है।
क्या है स्वत: निबंधन और कैसे होता है इसका प्रोसेस?
पीएम किसान योजना के तहत शुरू में पंचायत और प्रखंड स्तर पर सत्यापन कर किसानों को सालाना 6 हजार रुपये की सहायता दी जाती थी।
दो साल पहले सरकार ने ऑनलाइन पोर्टल पर स्वत: निबंधन की सुविधा शुरू की। इसमें किसान स्वयं पोर्टल पर जाकर जमीन से संबंधित कागजात, वंशावली और अन्य दस्तावेज अपलोड कर आवेदन कर सकते हैं।इसके बाद यह आवेदन प्रखंड और जिला स्तर पर कृषि कार्यालयों द्वारा सत्यापित किए जाते हैं और योग्य पाए जाने पर कृषि विभाग किसानों के खातों में राशि ट्रांसफर करता है।लेकिन पिछले एक साल से इस विकल्प का दुरुपयोग बढ़ गया था। एक ही परिवार के कई सदस्य अलग-अलग आवेदन करने लगे थे।
झारखंड सरकार की सिफारिश पर केंद्र ने जोड़ा नया फिल्टर
झारखंड सरकार ने योजना में फर्जी आवेदनों की संख्या बढ़ने को गंभीरता से लिया और केंद्र सरकार से प्रक्रिया में बदलाव की मांग की थी।
26 दिसंबर 2024 को दैनिक भास्कर में प्रकाशित एक रिपोर्ट में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया गया था। इसके बाद राज्य के कृषि विभाग ने स्व-पंजीकरण प्रक्रिया की समीक्षा की और केंद्र से फिल्टर जोड़ने का अनुरोध किया।
राजस्थान, ओडिशा सहित कई अन्य राज्यों से भी इसी तरह की शिकायतें मिलने पर केंद्रीय कृषि विभाग ने आधार लिंक मोबाइल नंबर की अनिवार्यता लागू की।अब यह तय हो गया है कि केवल असली किसान ही इस योजना का लाभ ले पाएंगे। एक ही व्यक्ति कई बार या एक ही परिवार से कई सदस्य आवेदन नहीं कर पाएंगे। इससे योजना की पारदर्शिता बढ़ेगी और असली लाभार्थियों को सही समय पर सहायता मिल सकेगी।