रांची। एक बार फिर से राज्य की राजनीति गरमा गई है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली और उसमें पारदर्शिता को लेकर सवाल उठाते हुए स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने पूछा है कि क्या रिम्स निदेशक को इसलिए हटाया गया क्योंकि उन्होंने 14 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान पर मंत्री के दबाव को मानने से इनकार कर दिया?प्रतुल शाहदेव ने विस्तार से बताया कि रिम्स में सक्षम मरीजों के लिए खून जांच हेतु मेडाल कंपनी और मशीनी जांच के लिए हेल्थ प्वाइंट कंपनी के साथ पीपीपी मोड में करार किया गया था। शुरुआत में यह व्यवस्था वैकल्पिक रूप में शुरू हुई, लेकिन धीरे-धीरे ये दोनों कंपनियां रिम्स की मुख्य व्यवस्था बन गईं।
प्रतुल ने दावा किया कि मेडाल कंपनी को 10.75 करोड़ और हेल्थ प्वाइंट को 3.37 करोड़ रुपये का भुगतान बकाया है, जिसका कंपनी द्वारा दावा किया गया है। बावजूद इसके रिम्स की जीबी की बैठक में इन भुगतान का कोई एजेंडा नहीं था। प्रतुल ने आरोप लगाया कि इसके बाद भी स्वास्थ्य मंत्री डॉ. अंसारी इन कंपनियों को भुगतान के लिए जीबी एजेंडा से बाहर जाकर दबाव बनाने लगे। जब रिम्स निदेशक ने इस दबाव के आगे झुकने से इनकार किया, तो उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई।भाजपा प्रवक्ता ने यह भी पूछा कि यदि स्वास्थ्य मंत्री के दबाव को न मानने की वजह से निदेशक को हटाया गया, तो यह गंभीर मामला है और इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि वह इस पूरे मामले की सीबीआई जांच से बच रही है, जिससे संदेह और गहराता जा रहा है।
कांग्रेस का पलटवार, भाजपा पर लगाया राजनीति करने का आरोप
उधर, कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे पर भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। रांची महानगर कांग्रेस अध्यक्ष कुमार राजा ने कहा कि प्रतुल शाहदेव का बयान पूरी तरह से निराधार है और यह एक सोची-समझी राजनीतिक साजिश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी द्वारा लिए गए निर्णयों से भाजपा बौखलाई हुई है, इसीलिए वह इस तरह के आरोप लगाकर मामले को राजनीतिक रंग देने की कोशिश कर रही है।कांग्रेस नेता ने कहा कि यह पूरा विवाद विपक्ष द्वारा जनभावनाओं को भड़काने की साजिश है। उन्होंने यह भी कहा कि स्वास्थ्य मंत्री ने पूरी पारदर्शिता और प्रक्रिया के तहत निर्णय लिए हैं और कोई भी निर्णय नियमों के विरुद्ध नहीं हुआ है।निष्कर्ष:रिम्स निदेशक के हटाए जाने को लेकर राज्य की सियासत गर्म है। भाजपा जहां इसे भ्रष्टाचार और दबाव की राजनीति बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे राजनीतिक षड्यंत्र करार दे रही है। अब देखना यह होगा कि यह विवाद आगे क्या मोड़ लेता है और सरकार इस पर क्या रुख अपनाती है।