बिहार: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज BPSC से चयनित शिक्षकों को देंगे नियुक्ति पत्र, गांधी मैदान में मेगा इवेंट

पटना। बिहार में तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज यानी 9 मार्च को चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। इस अवसर पर पटना के गांधी मैदान में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।
गांधी मैदान में 10,000 अभ्यर्थियों को मिलेगा नियुक्ति पत्र
BPSC द्वारा तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों में से 10,000 शिक्षक आज गांधी मैदान में मुख्यमंत्री के हाथों नियुक्ति पत्र प्राप्त करेंगे। इसके अलावा, शेष शिक्षकों को उनके संबंधित जिला मुख्यालयों में आयोजित समारोह में नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे। इस कार्यक्रम में डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी, जल संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, शिक्षा मंत्री सुनील कुमार और विभाग के अन्य अधिकारी भी मौजूद रहेंगे। गांधी मैदान में आयोजित कार्यक्रम में पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, सारण, भोजपुर, अरवल, जहानाबाद और नालंदा के चयनित शिक्षक शामिल होंगे।
51 हजार से अधिक शिक्षकों को मिलेगा नियुक्ति पत्र
BPSC ने कुल 51,389 शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अनुशंसा की थी। इसमें से 10 हजार शिक्षकों को गांधी मैदान में और बाकी को उनके संबंधित जिला मुख्यालयों में नियुक्ति पत्र सौंपे जाएंगे। अन्य 30 जिलों में भी प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में नियुक्ति पत्र वितरण समारोह आयोजित किया जाएगा।
नए रोस्टर के आधार पर जारी हुआ था रिजल्ट
तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती पहले 65% आरक्षण के आधार पर आयोजित की गई थी। हालांकि, पटना हाईकोर्ट ने इस नियम को रद्द कर दिया और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले को सही ठहराया। इसके बाद, राज्य सरकार ने 50% आरक्षण के आधार पर शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी किया।
नवंबर 2024 में आया था परीक्षा का परिणाम
BPSC ने यह भी स्पष्ट किया कि तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा पूरी तरह पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ कराई गई थी। इस परीक्षा का परिणाम नवंबर 2024 में घोषित किया गया था। इसके बाद काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी की गई और अब, 9 मार्च को सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपे जा रहे हैं।
लंबे इंतजार के बाद शिक्षकों को मिली राहत
चयनित शिक्षकों के लिए यह दिन बेहद खास है, क्योंकि वे लंबे समय से नियुक्ति पत्र का इंतजार कर रहे थे। सरकार का यह कदम राज्य में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ, युवाओं को रोजगार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।