दांडी मार्च की वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि

दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को ऐतिहासिक दांडी मार्च में भाग लेने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि इस मार्च में शामिल लोगों का साहस, बलिदान और सत्य एवं अहिंसा के प्रति अटूट प्रतिबद्धता आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
पीएम मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, "आज, हम ऐतिहासिक दांडी मार्च में भाग लेने वाले सभी लोगों को श्रद्धांजलि देते हैं। यह भारत के स्वतंत्रता संग्राम का एक निर्णायक अध्याय था। महात्मा गांधी के नेतृत्व में इस मार्च ने आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता के लिए राष्ट्रव्यापी आंदोलन को प्रज्वलित किया।" उन्होंने आगे कहा कि दांडी यात्रा के साहसिक सत्याग्रह ने पूरी दुनिया को अहिंसा और सत्य की शक्ति से परिचित कराया। यह आंदोलन ब्रिटिश शासन के अन्यायपूर्ण कानूनों के खिलाफ सबसे प्रभावशाली और ऐतिहासिक संघर्षों में से एक था।
दांडी मार्च का ऐतिहासिक महत्व
दांडी मार्च, जिसे नमक सत्याग्रह के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के सबसे प्रतीकात्मक आंदोलनों में से एक था। इस सत्याग्रह की शुरुआत 12 मार्च, 1930 को हुई थी, जब महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम से दांडी के लिए यात्रा प्रारंभ की थी। गांधीजी ने 78 अनुयायियों के साथ 241 मील की यह यात्रा पूरी की थी, जो 6 अप्रैल, 1930 को दांडी तट पर जाकर समाप्त हुई। वहां गांधीजी ने समुद्र के जल से नमक बनाकर ब्रिटिश कानून का उल्लंघन किया, जो ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ सीधी सविनय अवज्ञा का प्रतीक बना।
सत्याग्रह की शक्ति और प्रेरणा
दांडी यात्रा के दौरान महात्मा गांधी ने लोगों से अहिंसक विरोध की अपील की और ब्रिटिश शासन के अन्यायपूर्ण कानूनों को न मानने का आग्रह किया। यह आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में मील का पत्थर साबित हुआ और इसके प्रभाव से ब्रिटिश हुकूमत दबाव में आ गई थी। आज भी दांडी मार्च सत्य, अहिंसा और आत्मनिर्भरता का प्रतीक बना हुआ है, जिसकी प्रेरणा से भारत ने स्वतंत्रता की राह पर कदम बढ़ाए थे।