दुमका: रानीश्वर में आवास योजना के नाम पर अवैध वसूली का खुलासा, मंटु चौधरी ने मानी गलती, लौटाए गए पैसे

दुमका। जिले के रानीश्वर प्रखंड के छोटा कामती गांव से सामने आई है, जहाँ मंटु चौधरी नामक एक व्यक्ति पर आवास योजना के लिए आवेदन लिखने के नाम पर ग्रामीणों से अवैध रूप से पैसे वसूलने का आरोप लगा है। यह मामला 22 अप्रैल 2025 को प्रखंड सभागार में आयोजित जनता दरबार में उजागर हुआ।
जनता दरबार के दौरान प्रखंड विकास पदाधिकारी राजेश कुमार सिन्हा की उपस्थिति में पथरा पंचायत के कुल 9 लाभुकों ने शिकायत दर्ज कराई। जब उनके द्वारा जमा किए गए सभी आवेदनों की जांच की गई तो पता चला कि सभी पर एक ही व्यक्ति की लिखावट थी। लाभुकों से पूछताछ के दौरान सपन बागती ने बताया कि ये सभी आवेदन मंटु चौधरी ने रानीश्वर बाजार में बैठकर लिखे थे। अन्य लाभुकों ने भी सपन की बात की पुष्टि की।
लाभुकों ने बताया कि आवेदन लिखवाने के एवज में उनसे 50-50 रुपये की वसूली की गई, जबकि एक दिव्यांग लाभुक ने बताया कि उससे 20 रुपये लिए गए। सबसे हैरान करने वाली बात यह रही कि जब लाभुकों से पूछा गया कि उनके आवेदन में क्या लिखा गया है, तो सभी ने अनभिज्ञता जताई।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए बीडीओ राजेश कुमार सिन्हा ने दो लाभुकों को साथ लेकर मंटु चौधरी के घर जाकर पूछताछ की। पूछताछ में मंटु चौधरी ने पैसे लेने की बात कबूल ली। इसके बाद उसे रानीश्वर थाना लाया गया, जहाँ लिखित बयान में उसने कहा कि उसने सभी लाभुकों को पैसे लौटा दिए हैं और भविष्य में इस प्रकार की कोई गलती नहीं करेगा।पंचायत सचिव और कनीय अभियंता की निगरानी में उसी दिन मंटु चौधरी द्वारा वसूली गई पूरी राशि लाभुकों को लौटा दी गई। थाना में चेतावनी देने के बाद उसे छोड़ दिया गया।
जांच में एक और अहम बात सामने आई कि जिन 9 लाभुकों ने आवेदन दिया था, उनमें से दो — सती बागती के पति सनत बागती और पुत्र सपन बागती — पहले ही प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ ले चुके हैं। शेष लाभुकों के नाम योजना की प्राथमिकता सूची में शामिल हैं, और उन्हें भी समयानुसार योजना का लाभ मिलेगा।यह मामला प्रशासन के सतर्कता और जनता दरबार की उपयोगिता का एक उदाहरण है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में पारदर्शिता लाने के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं। वहीं, इस प्रकार की घटनाओं पर रोकथाम के लिए जागरूकता और निगरानी की आवश्यकता भी सामने आती है।