झारखंड: राज्य का सबसे बड़ा पावर प्लांट तैयार, टेस्टिंग सफल, जल्द होगा 800 मेगावाट का उत्पादन

रांची। झारखंड का सबसे बड़ा पावर प्लांट बनकर तैयार हो गया है। मंगलवार को इसे सिंक्रोनाइज कर ग्रिड से जोड़ा गया, और टेस्टिंग के दौरान 100 मेगावाट बिजली का उत्पादन सफलतापूर्वक किया गया। हालांकि, अभी पूरी क्षमता (800 मेगावाट) पर इसे नहीं चलाया जा सका, क्योंकि ग्रिड तक बिजली ले जाने के लिए नई ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है।
दो-तीन महीने में शुरू होगा पूरा उत्पादन
ऊर्जा विभाग के अनुसार, ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण में दो से तीन महीने का समय लगेगा। इसके बाद पतरातू में बने इस पावर प्लांट से झारखंड को पूरी क्षमता से बिजली मिलने लगेगी।
पतरातू पावर प्लांट की खासियत
- कुल क्षमता: 2400 मेगावाट (तीन यूनिट में 800-800 मेगावाट)
- पहली यूनिट की टेस्टिंग पूरी
- अनुमानित लागत: 12,000 करोड़ रुपये
- निर्माण कार्य शुरू: मार्च 2018
- खर्च: लगभग 4,000 करोड़ रुपये
ऊर्जा सचिव का बयान
झारखंड के ऊर्जा सचिव अविनाश कुमार ने कहा कि यह राज्य के लिए बड़ी उपलब्धि है। सरकार चाहती है कि पतरातू पावर प्लांट से जल्द से जल्द उत्पादन शुरू हो। ग्रिड तक बिजली पहुंचाने के लिए ट्रांसमिशन लाइन का काम तेजी से चल रहा है।
झारखंड को मिलेगा फायदा, सस्ती बिजली और आत्मनिर्भरता
झारखंड को प्रतिदिन 2,000 से 3,000 मेगावाट बिजली की आवश्यकता होती है, और यह मांग हर साल 5 से 6% बढ़ रही है। वर्तमान में राज्य में केवल 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है, बाकी की बिजली अन्य राज्यों से खरीदी जाती है। एनटीपीसी द्वारा पतरातू पावर प्लांट से उत्पादन शुरू होते ही झारखंड को सस्ती बिजली मिलेगी और राज्य ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकेगा।